Ghatti movie Review : दमदार अंदाज़ में लौटी अनुष्का शेट्टी, फिल्म का असर कैसा रहा ?

Ghatti movie Review: अनुष्का शेट्टी का दमदार अंदाज़ लेकिन कमजोर कहानी

साउथ इंडस्ट्री की लोकप्रिय अभिनेत्री अनुष्का शेट्टी की नई फिल्म Ghatti आखिरकार 5 सितंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ हो गई है। डायरेक्टर कृष जगर्लामुडी के निर्देशन में बनी इस फिल्म को लेकर दर्शकों में अच्छी-खासी उत्सुकता थी। अनुष्का लंबे समय बाद बड़े पर्दे पर एक नए और तीखे किरदार में नज़र आई हैं। फिल्म का ट्रेलर पहले से ही चर्चा में था, लेकिन क्या यह फिल्म उम्मीदों पर खरी उतर पाई है? आइए जानते हैं इस Ghatti movie Review में रिवेंज ड्रामा की पूरी समीक्षा।


Ghatti की कहानी

फिल्म की पृष्ठभूमि आंध्र-ओडिशा बॉर्डर यानी AOB की है, जहाँ ईस्टर्न घाट्स में बड़े पैमाने पर गांजे की खेती और तस्करी का धंधा होता है। इस धंधे में घाटी के लोग ट्रांसपोर्टर के तौर पर काम करते हैं और कास्टला नायडू (रवींद्र विजय) के अधीन रहते हैं।

शीला‍वती (अनुष्का शेट्टी) और देसी राजू (विक्रम प्रभु) भी इसी बिजनेस में जुड़े हैं। लेकिन दोनों धीरे-धीरे अपने पैर जमाने और बड़ा खिलाड़ी बनने के लिए नायडू से अलग होकर सीधा बड़े माफियाओं तक पहुँचने का फैसला करते हैं। यही कदम उनके जीवन में तूफान ले आता है। नायडू को यह गद्दारी बर्दाश्त नहीं होती और उसकी गैंग शीला‍वती और देसी राजू की दुनिया तबाह कर देती है।

अपना सब कुछ खो चुकी शीला‍वती टूटने के बजाय बदले की आग में जल उठती है। आगे की कहानी उसके संघर्ष, प्रतिशोध और ताकतवर दुश्मनों से भिड़ने की यात्रा को दिखाती है।


Ghatti की खासियतें

  1. अनुष्का शेट्टी की परफॉर्मेंस
    अनुष्का शेट्टी हमेशा की तरह इस फिल्म में भी अपनी मौजूदगी से स्क्रीन पर पकड़ बनाए रखती हैं। खासकर ऐक्शन सीन और इमोशनल मोमेंट्स में उनका अभिनय बेहद नैचुरल और दमदार लगता है। उनके किरदार का गुस्सा और आक्रामकता दर्शकों को प्रभावित करती है।
  2. विक्रम प्रभु का टॉलीवुड डेब्यू
    विक्रम प्रभु इस फिल्म से टॉलीवुड में कदम रख रहे हैं। स्क्रीन टाइम सीमित होने के बावजूद उन्होंने अपने किरदार को मजबूती से निभाया है। अनुष्का के साथ उनकी केमिस्ट्री भी ठीक-ठाक जमी।
  3. सपोर्टिंग कास्ट का योगदान
    जगपति बाबू अपने हल्के-फुल्के अंदाज़ से फिल्म में थोड़ी राहत देते हैं। वहीं चैतन्य राव ने भी अपने किरदार को अच्छे से निभाया है।

Ghatti की कमजोरियाँ

  • फिल्म की सबसे बड़ी कमी इसकी कमजोर कहानी और फ्लैट स्क्रीनप्ले है। कहानी में एक्शन, रोमांस और रिवेंज जैसे मसाले तो हैं, लेकिन उन्हें जोड़ने वाला धागा कमजोर है।
  • खासकर दूसरे हाफ में फिल्म अपनी पकड़ खो देती है। जहाँ गहरे इमोशन्स और दमदार क्लाइमेक्स की उम्मीद थी, वहाँ फीकी और जल्दबाज़ी वाली प्रस्तुति नज़र आती है।
  • कई किरदार अधूरे लगते हैं। अनुष्का और रवींद्र विजय के रोल्स को और गहराई मिल सकती थी, जिससे कहानी ज़्यादा असरदार बनती।

तकनीकी पहलू

फिल्म की लोकेशन यानी ईस्टर्न घाट्स के विज़ुअल्स काफी खूबसूरत शूट किए गए हैं। लेकिन एडिटिंग में कसावट की कमी के कारण फिल्म खिंची हुई महसूस होती है।

नागवेली विद्या सागर का संगीत इस बार उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। गाने भले ही कमजोर हैं, लेकिन बैकग्राउंड स्कोर कुछ सीन में माहौल बनाने में मदद करता है।

डायलॉग्स में साई माधव बुरा ने कहीं-कहीं असर छोड़ा है, लेकिन पूरी तरह फिल्म को उठाने में नाकाम रहे।  कृष जगर्लामुडी फिल्म Ghatti का पावरफुल निर्देशक है लेकीन लेखन की कमजोरी ने असर फीका कर दिया।


Ghatti Verdict (फैसला)

 Ghatti  फिल्म एक औसत रिवेंज ड्रामा है जो कुछ हिस्सों में अच्छा लागता है लेकिन कूच जगह में निराश कर देता है। अनुष्का शेट्टी का दमदार अभिनय फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है और विक्रम प्रभु का डेब्यू भी ठीक-ठाक है।

अगर आप अनुष्का शेट्टी के फैन हैं तो यह फिल्म एक बार देखी जा सकती है, लेकिन इसे लेकर बहुत ज्यादा उम्मीदें न रखें।

रेटिंग: ⭐⭐⭐ 2.75/5

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