Nadeem Shravan: बॉलीवुड संगीत की स्वर्णिम जोड़ी

Nadeem Shravan:बॉलीवुड संगीत की स्वर्णिम जोड़ी

भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में कई महान संगीतकार हुए हैं, लेकिन 90 के दशक का जिक्र बिना Nadeem Shravan के अधूरा है। इस जोड़ी ने अपने रोमांटिक और soulful गानों से न सिर्फ फिल्मों को हिट बनाया बल्कि श्रोताओं के दिलों में स्थायी जगह भी बनाई। इनके संगीत में ऐसा जादू था जो आज भी नए श्रोताओं को उतना ही आकर्षित करता है जितना उस दौर में करता था।


शुरुआत और पहचान की तलाश

नदिम सैफी और श्रवण राठौड़ ने 1980 के दशक में बॉलीवुड में कदम रखा, लेकिन शुरुआत में उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली। असली पहचान मिली 1990 की फिल्म आशिकी से।

इस एल्बम ने भारतीय फिल्म संगीत के इतिहास में नया रिकॉर्ड बनाया और सबसे ज़्यादा बिकने वाला एल्बम साबित हुआ। “धीरे धीरे से मेरी जिंदगी में आना” और “सांसों की जरूरत है जैसे” जैसे गाने आज भी evergreen हैं।

यही वह पल था जिसने Nadeem Shravan को रातोंरात स्टार संगीतकार बना दिया और उनका सफर लगातार नई ऊंचाइयों तक पहुंचता गया।


रोमांस का दूसरा नाम – Nadeem Shravan

90 का दशक अगर रोमांटिक गानों का सुनहरा युग माना जाता है, तो उसकी आत्मा Nadeem Shravan का संगीत था। उनकी धुनें सीधी दिल में उतर जाती थीं और सुनने वाले को अपनी मोहब्बत और तन्हाई की याद दिला देती थीं।

उनके कुछ अमर गाने और फिल्में:

  • “धीरे धीरे से मेरी ज़िंदगी में आना”आशिकी (1990)

  • “तुमने अगर प्यार से देखा नही मुझको ”राजा (1995)

  • “पहली पहली बार मोहब्बत की है”सिर्फ तुम (1999)

  • “बहुत प्यार करते है ”साजन (1991)

  • “परदेशी परदेशी जाना नही ” – राजा हिंदुस्थानी  (1995)

  • ” जिता था जिसके लिये ”– दिलवाले ( 1995)

इन गानों की खासियत थी – सादगी से भरी धुन, गहरे बोल और भावनाओं की मासूमियत। यही वजह थी कि उनके गाने हर उम्र के श्रोताओं को पसंद आते थे।


बॉलीवुड की हिट मशीन

90 के दशक से लेकर 2000 के शुरुआती वर्षों तक, Nadeem Shravan हिट फिल्मों की गारंटी माने जाते थे।

उनकी कुछ बड़ी हिट फिल्में:

  • आशिकी (1990)

  • साजन (1991)

  • दिल है कि मानता नहीं (1991)

  • फूल और कांटे (1991)

  • दीवाना (1992)

  • राजा (1995)

  • राज (2002)

  • दिलवाले (1995)

इन फिल्मों में कुमार सानू, अलका याज्ञनिक, उदित नारायण, कविता कृष्णमूर्ति जैसे दिग्गज गायकों ने अपनी आवाज़ दी, जो धुनों के साथ मिलकर अमर हो गए।


विवाद और दूरी

1997 में गुलशन कुमार की हत्या के बाद Nadeem Saifi पर हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगा। इससे नदिम को देश छोड़ना पड़ा और वे लंदन में बस गए। हालांकि बाद में उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया गया, लेकिन इस विवाद ने उनकी जोड़ी को गहरा झटका दिया।

इसके बाद धीरे-धीरे Nadeem Shravan की सक्रियता फिल्मों में कम हो गई, लेकिन उनकी बनाई धुनें लंबे समय तक दर्शकों के कानों में गूंजती रहीं।


श्रवण राठौड़ का निधन

2021 में कोविड-19 की वजह से Shravan Rathod का निधन हो गया। यह घटना बॉलीवुड और संगीत प्रेमियों के लिए बहुत बड़ा नुकसान थी। नदिम ने उन्हें याद करते हुए कहा:
“हमारा रिश्ता आत्मा से आत्मा तक था… अब संगीत अधूरा रह गया है।”

उनकी यह बात साफ बताती है कि दोनों के बीच न केवल प्रोफेशनल रिश्ता था बल्कि गहरी दोस्ती और आत्मीयता भी थी।


Nadeem Shravan की विरासत

भले ही आज यह जोड़ी सक्रिय नहीं है, लेकिन उनकी धुनें आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं। Spotify, YouTube और रेडियो पर उनके गाने लगातार सुने जाते हैं।

उनका संगीत एक ऐसा मिश्रण था जिसमें nostalgia, रोमांस और सादगी एक साथ मौजूद थे। यही वजह है कि उनके गाने timeless बन गए हैं।

Nadeem Shravan ने यह साबित किया कि अच्छा संगीत कभी बूढ़ा नहीं होता। उनकी धुनें हर उस पल में याद आती हैं जब दिल में प्यार, तन्हाई या उम्मीद की बातें होती हैं।


 

Nadeem Shravan सिर्फ एक संगीतकार जोड़ी नहीं थी, बल्कि वे भावनाओं को सुरों में ढालने वाले जादूगर थे। 90 के दशक का रोमांटिक संगीत उनकी वजह से स्वर्णिम बना।

आज भले ही श्रवण हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी धुनें हमेशा ज़िंदा रहेंगी — हर फिल्म में, हर गाने में और उन सभी दिलों में जिन्होंने कभी उनकी धुनों में खोकर प्यार महसूस किया है।

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